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क्या कारण है हर साल भारत के हजारों किसान आत्महत्या कर लेते हैं? आज हम इस न्यूज़ ब्लॉग में यह जानेंगे कि क्या कारण है जिसके वजह से हर साल हजारों भारतीय (Kisan) आत्महत्या कर लेते हैं। इसके पीछे की वजहों को हम जानेंगे। इसके लिए पूरा न्यूज़ ब्लॉग जरूर पढ़े।

क्या कारण है हर साल भारत के हजारों किसान आत्महत्या कर लेते हैं?

भारत जो एक कृषि प्रधान देश है। भारत के जमीन का 51 हिस्सा खेती के लिए उपयोग किया जाता है। भारत में हर प्रकार की खेती होती है। भारत में इतनी खेती होती हैं कि अनाज विदेशों में भी बेचे जाते है। इतना सब होने के बाद भी भारत के हजारों Kisan हर साल आत्महत्या कर लेते है। इसके 3 बड़े कारण है।

किसानों का आत्महत्या करने का कारण

पहला कारण है बारिश कम होना। खेती करने के लिए सबसे जरुरी होता है। आवश्यकता अनुसार खेती के लिए पानी। हमारे देश में किसी-किसी साल बारिश कम होती है। जिसके कारण फसलों को उतने पानी नहीं मिल पाते। जितनी अच्छे फसल के लिए लगते है। जिसके कारण सूखा पड़ जाता है। और खेत में फसलें नहीं उगती जिसके कारण किसानों को उनका लागत भी नहीं मिलता जितना उन्होंने खर्च किया है। जिससे परेशान होकर Kisan आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते है।

दूसरा कारण है बारिश कुछ ज्यादा ही हो जाना। देश ने कभी-कभी ज्यादा ही बारिश हो जाती है। जिसके कारण खेत में पानी भर जाता है। खेती में फसलों को जितनी पानी की जरुरत होती है। उससे कहीं ज्यादा पानी मिल जाने के कारण फसल ख़राब हो जाते है। जिसके कारण उन्हें बहुत नुकसान होता है। किसानों को लागत का मूल्य भी न मिलने के कारण वे आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते है।

तीसरा और सबसे बड़ा कारण है कर्जा। कोई भी व्यापार के लिए पैसों की जरुरत होती है। और Kisan खेती करने के लिए बैंको से लोन लेते है, या किसी से उधार लेते है। और बारिश ज्यादा हो जाने के कारण या बारिश कम होने के कारण किसानों की फसलें अच्छी नहीं उग पाती हैं। ज्यादा बारिश होने से फसलें सड़ जाती है। और कम बारिश होने से सूखा पड़ जाता है। दोनों ही वजहों से किसानों को बहुत नुकसान होता है। और किसान कर्ज नहीं भर पाते है। कर्ज न भर पाने के वजह से वे आत्महत्या करने जैसे कदम उठा लेते है। यही 3 कारण है जिसके वजह से हजारों Kisan हर साल आत्महत्या कर लेते हैं।

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Kisan आत्महत्या न करें। इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने किसानो के लिए एक आर्थिक सहायता योजना शुरू की। जिसके तहत छोटे और गरीब किसानो को केंद्र की तरफ से हर साल 6000 रुपयों की सहायता राशि मिलती है। और कई राज्य सरकार इसके लिए 5 लाख तक का कर्ज माफ करती है। एक रिपोर्ट के हिसाब से भारत के किसानों पर लगभग 18 लाख करोड़ का कर्ज हैं।

किसान

पंजाब और हरियाणा के किसानों ने एक बार आंदोलन करने का फैसला किया था। जिसके तहत उन्होंने अपने 10 मांगो को पूरा करने के लिए। दिल्ली कूच करने निकले थे। जिसमें किसानों की माँग थी कि उनके सारे कर्जे माफ़ किए जाए। अगर केंद्र सरकार उनकी माँगों को मानती है। तो केंद्र सरकार को बहुत नुकसान होता। इसलिए सरकार इस मांग को पूरा करने से मना कर दिया था। विपक्ष ने इसपर किसानो का समर्थन दिया था। जबकि पंजाब और हरियाणा के किसान ही सबसे अमीर किसान माने जाते है। क्युकी उनके पास खेती के लिए आधुनिक तकनीक है ट्रेक्टर है। और कुछ राज्य के Kisan ऐसे है जिनके पास खुद का ट्रेक्टर भी नहीं है खेती के लिए। वे अभी भी बैल गाड़ी का इस्तेमाल करते है। वे कोई आंदोलन नहीं कर रहे थे। हमारे देश में सबसे ज्यादा गेंहू, और चावल की खेती होती है। भारत गेंहू और चावल उगाने में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। और सबसे ज्यादा खेती उपयुक्त जमीन के मामले में भारत 6वें नंबर पर हैं। भारत के पास इतने अनाज है जिससे पूरे देश के लोगो का पेट कई सालो तक भरा जा सके। साथ ही कई देशों में अनाज बेचा भी जाता है। फिर भी देश में लाखों लोग ऐसे है जिन्हे दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पाती है। कितने ही लोग बिना खाए दिन गुजार लेते है।

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