मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है? और किस दिन मनाया जाता हैं? आज हम आपको इस न्यूज़ ब्लॉग के माध्यम से बताएँगे कि मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है? और संक्रांति की शुरुआत कब से हुई है। साथ ही यह भी जानेंगे कि संक्रांति इस त्यौहार को अलग अलग राज्यों में किस नाम से मनाया जाता है। साथ ही यह भी जानेंगे संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है? इन सभी की जानकारी पाने के लिए पूरा न्यूज़ ब्लॉग जरूर पढ़े।
मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है? और किस दिन मनाया जाता हैं?
मकर संक्रांति मनाने के पीछे कई लोग अलग अलग कारण बताते है लेकिन इसको मनाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण हैं। इससे पहले हम आपको बता देते है कि संक्रांति कितने तारीख को मनाया जाता है तो संक्रांति हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता हैं। इस वर्ष 2025 को संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति मनाने के पीछे ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सूर्य मीन राशि से मकर राशि में प्रवेश करता हैं। इसलिए इस दिन त्यौहार को संक्रांति के नाम से मनाते हैं। संक्रांति के दिन ब्राह्मणों, पंड़ितों को दान देना शुभ माना जाता हैं। इस साल का मकर संक्रांति बहुत शुभ है। इस दिन दान देना बहुत ही शुभ होगा।
मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है?
अब हम जानेंगे कि देश में संक्रांति को हर राज्य में किस नाम से मनाते हैं। देश के तमिलनाडु राज्य में संक्रांति को पोंगल नाम से मनाते है। और यह त्यौहार वहा चार दिनों तक मनाया जाता हैं। पंजाब और हरियाणा राज्य में इसे माघी-लोहड़ी के नाम से मनाया जाता हैं। हिमाचल प्रदेश में माघ साजी के नाम से इस त्यौहार को मनाया जाता हैं। मकर संक्रांति भारत के गुजरात राज्य में उत्तारायण के नाम से मनाते है। और यह त्यौहार गुजरात में दो दिनों तक रहता हैं। महाराष्ट्र में मकर संक्रांति के नाम से ही मनाते है। और इस दिन महाराष्ट्र में तिल गुड़ का आदान प्रदान करके मनाया जाता है। बिहार में कुछ जगह इसे संक्रांत नाम से जानते है और कुछ जगहों पर इसे खिचड़ी नाम से मनाते हैं। केरल में इसे विलक्कू के नाम से जानते हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में इसे सिर्फ संक्रांति नाम से ही मनाते हैं। इस तरह भारत के अलग अलग राज्य में मकर संक्रांति को अलग अलग नामो से मनाया जाता हैं। और कई जगहों पर इस त्यौहार को एक से ज्यादा दिनों तक मनाते है। संक्रांति त्यौहार भारत के आलावा पड़ोसी देश भूटान, बांग्लादेश, पाकिस्तान में भी मनाया जाता है।
मकर संक्रांति
संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाया जाता है इसे जानेंगे। ऐसा माना जाता है और तमिलनाडु के रामायण में ऐसा लिखा गया है कि संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की शुरुआत भगवान राम ने शुरू किया। उन्होंने पतंग को पहली बार उड़ाया था और वह पतंग उड़ते उड़ते इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। इस दिन पतंग उड़ाने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है। हमें सूर्य की किरणों से विटामिन डी मिलता हैं। इसलिए मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना चाहिए। और इस दिन ब्राह्मण को दान जरूर देना चाहिए।
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