Maha Shivaratri क्यों मनाई जाती है, साथ ही कुछ रोचक तथ्य। Maha Shivaratri (महा शिवरात्रि) हर वर्ष क्यूँ मनाई जाती है? इसके पीछे की कहानी को जानेंगे। साथ ही इस साल होने वाले महाकुम्भ के मेले के बारे में भी जानेंगे। इसके लिए पूरा न्यूज़ ब्लॉग जरूर पढ़े।

Maha Shivaratri क्यों मनाई जाती है, साथ ही कुछ रोचक तथ्य

कुछ का कहना है कि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के दिन को ही हिन्दू लोग Maha Shivaratri के रूप में मनाते हैं। भगवान शिव हिन्दुओं के सबसे बड़े भगवान माने जाते हैं। इस वर्ष Maha Shivaratri 26 फरवरी को है। साथ ही इस साल का महा शिवरात्रि बेहद ख़ास होने वाला हैं। क्योंकि इस वर्ष उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ का मेला लगने वाला है। महाकुम्भ का मेला 13 जनवरी से शुरू होगा। इसके साथ ही 26 फरवरी को Maha Shivaratri के दिन महाकुम्भ मेले का अंतिम दिन होगा।

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Maha Shivaratri

Maha Shivaratri के पीछे कई लोग अलग-अलग कहानियाँ बताते है। कुछ का कहना है कि एक साथ पृथ्वी पर 64 शिवलिंग अपने आप प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन को महा शिवरात्रि मनाई जाती है। हमारे देश में 12 ज्योतिर्लिंग है। जिसके बारे में भी जानते हैं।

  1. सोमनाथ – गुजरात के सौराष्ट्र में समुद्र के किनारे स्थित है।
  2. महाकालेश्वर – मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है।
  3. मल्लिकार्जुन – आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित हैं।
  4. केदारनाथ – उत्तराखंड में स्थित हैं।
  5. भीमाशंकर – महाराष्ट्र में है।
  6. ओंकारेश्वर – मध्यप्रदेश के खंडवा में नर्मदा नदी के द्वीप पर है।
  7. घुश्मेश्वर – महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है।
  8. नागेश्वर – गुजरात के द्वारका में है।
  9. रामेश्वर – तमिलनाडु के रामेश्वरम में है।
  10. वैद्यनाथ – झारखंड के देवघर में हैं।
  11. त्रयंबकेश्वर – महाराष्ट्र के नासिक में हैं।
  12. विश्वनाथ  – जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हैं।

और साथ ही चार धाम भी है जिनके नाम इस प्रकार है। केदारनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पूरी और रामेश्वरम। यह चारों धाम चारों दिशा में हैं। जैसे कि पूर्व दिशा में जग्गनाथ पूरी हैं। पश्चिम दिशा में द्वारका हैं। उत्तर दिशा में केदारनाथ हैं। और दक्षिण दिशा में रामेश्वरम हैं।

Shivaratri

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हमारे देश के हर राज्य में शिव जी का मंदिर और शिवलिंग मिल जाएगा। Maha Shivaratri के दिन हर एक शिव जी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती हैं। श्रद्धालु शिव जी को फूल अर्पण करने जाते हैं। तथा शिव जी को बेलपत्र और धतूरे चढ़ाते हैं। कई जगहों पर शिव चर्चा होती है जिसमें शिव जी की और पार्वती जी की कथा सुनाई जाती हैं। हम आपको शिव जी के पुत्रो की कहानी बताएँगे। एक बार सभी देवताओं ने मिलकर भगवान शिव के दोनों पुत्रों श्री गणेश और कार्तिक जी के बीच मुकाबला रखा कि दोनों में से कौन सबसे पहले पृथ्वी के 7 चक्कर लगाते हैं। तो खेल शुरू हुआ। कार्तिक जी पृथ्वी के चक्कर के लिए चले गए। परंतु गणेश जी रुक गए। और हाथ जोड़ कर अपने माता-पिता शिव जी और पार्वती जी के ही 7 चक्कर लगा लिए। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिव जी और पार्वती जी ही पृथ्वी है, पूरा संसार उनमे ही बसता है। यह सुन सभी देवताओं ने उन्हें विजयी घोषित कर दिया। तभी कार्तिक जी पृथ्वी के 7 चक्कर लगाकर आए। तो उन्हें भी विजयी घोषित कर दिया गया।

शिव जी कि एक कथा है जब समुद्र मंथन हो रहा था। तब उसमे से विष निकला तो देवताओं और राक्षशों दोनों ने ही विष पिने से मना कर दिया। तब भगवान शिव ने विष को पिया। और अपने गले में रखा हैं। कहते है कि शिव जी अगर अपनी तीसरी आँख खोल दिए तो पूरे संसार का विनाश हो जाएगा। Maha Shivaratri और भगवान शिव जी से जुड़ी कोई भी जानकारी के लिए हमारी साइट पर विजिट करें। पूरा न्यूज़ ब्लॉग पढ़ने के लिए साइट के लिंक पर क्लिक करें। देश-दुनिया के सभी खबरों को पढ़ने के लिए आप साइट पर जा सकते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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