Rahul Gandhi (राहुल गाँधी) जो इस लोकसभा में Leader of Opposition चुने गए हैं। Rahul Gandhi, देश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने रहने Gandhi परिवार से आते हैं। Rahul Gandhi 2017 से 2019 तक congress पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है। जानेंगे पूरी खबर।
Rahul Gandhi जिनके पिता राजीव गाँधी (Rajiv Gandhi) पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके है। राजीव गाँधी साल 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। तब वे राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी थे। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद पार्टी की पूरी जिम्मेदारी उनकी पत्नी सोनिया गाँधी (Sonia Gandhi) के हाथ में थी।
Rahul Gandhi
Rahul Gandhi ने पहली बार लोकसभा का चुनाव 2004 में अमेठी (Amethi) से लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद 2004, 2009, और 2014 में लगातार 3 बार वे अमेठी से सांसद चुने गए। 2004 से 2014 तक देश में कांग्रेस गठबंधन की सरकार रही। और भारत के प्रधानमंत्री Manmohan Singh (मनमोहन सिंह) को बनाया गया। फिर 2014 में कांग्रेस ने राहुल गाँधी के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ा। लेकिन उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी मात्र 44 सीट ही जीत सकी। और 2019 में फिर कांग्रेस गठबंधन ने राहुल गाँधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और 52 सीट जीत सकी। और देश में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आ गई। और Narendra Modi देश के प्रधानमंत्री बन गए। और कांग्रेस की हालत 10 सालों में ऐसी हो गई थी कि वे अपना Leader of Opposition भी नहीं बना सके थे।
साल 2019 में कही ना कही Rahul Gandhi के मन में भी शंका थी कि वे अमेठी से चुनाव हार सकते है इसलिए उन्होंने दो जगह से चुनाव लड़ा। अमेठी और केरल की वायनाड सीट। और ऐसा ही हुआ राहुल गाँधी अमेठी से बीजेपी के स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए। लेकिन वायनाड से जीत हासिल किए। वायनाड की सीट कांग्रेस की safe सीटों में से एक मानी जाती हैं।
Rahul Gandhi Leader Of Opposition
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में Rahul Gandhi देश के करीब 30 क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर INDIA Alliance बनाते है। जिसके chairperson अभी के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष Mallikarjun Kharge बनते है। INDIA Alliance में TMC, AAP, Shivsena (UBT), NCP (SP), समाजवादी पार्टी जैसी पार्टिया थी। कांग्रेस ने देश के 545 सीटों में से 326 सीटों पर चुनाव लगा जिसमे से मात्र 99 सीटें ही जीत सकी। Sonia Gandhi इस बार राज्यसभा से संसद भवन पहुंच चुकी थी। इसलिए राहुल गाँधी ने इस चुनाव में भी 2 सीटों से चुनाव लड़ा। रायबरेली और वायनाड, और दोनों ही सीटो से राहुल गाँधी भारी बहुमत से जीत गए। ये दोनों ही सीटे कांग्रेस की सेफ सीटें मानी जाती हैं। अब राहुल गाँधी को एक सीट छोड़ना था। तो राहुल गाँधी ने केरल की वायनाड सीट छोड़ दी। और वायनाड के उपचुनाव में अपनी बहन Priyanka Gandhi Vadra (प्रियंका गाँधी वाड्रा) को टिकट दिया। इस चुनाव में कांग्रेस ने Mallikarjun Kharge के नेतृत्व में पिछले दो चुनावो के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करते हुए 99 सीट जीत गई। और उनकी INDIA Alliance 234 सीटें जीत गई। लेकिन ये बहुमत से काफी कम था। इस तरह लगातार 3 लोकसभा चुनाव से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है।

Rahul Gandhi अक्सर अपने ही बयानों में फसते हुए नज़र आते हैं। कई बार वे ऐसे बयान दे देते है जिसके कारण बीजेपी पार्टी उनको घेरने लगती है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी संविधान खतरे में है, बताकर बीजेपी और उनकी सहयोगी NDA को घेरते हुए सारे प्रचार किए। वे जहाँ भी प्रचार करने जाते अपने साथ संविधान की कॉपी ले जाते थे। लेकिन उसमे भी कही-न-कही वे खुद ही फसते नज़र आए। क्युकी वे जो पुस्तक ले जाते संविधान बताकर दरअसल वो कोरा किताब था। उसमे कुछ लिखा ही नहीं रहता हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की मात्र 3 राज्य में सरकार हैं। Rahul Gandhi से जुड़ी या politics से जुड़ी किसी भी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें।
देश-दुनिया की बाकी के खबरों को पढ़ने के लिए हमारी साइट पर विजिट करें। बहुत-बहुत धन्यवाद!